इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्या का मामला

इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्या 

इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्या का मामला एक सनसनीखेज अपराध की कहानी बन गया है, जिसमें उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी मुख्य संदिग्ध के रूप में सामने आई हैं। नीचे इस मामले का विस्तृत विवरण दिया गया है, जो हाल की जानकारी और विभिन्न स्रोतों पर आधारित है:

विवाह और हनीमून: इंदौर, मध्य प्रदेश के 29 वर्षीय व्यवसायी राजा रघुवंशी ने 24 वर्षीय सोनम रघुवंशी से 11 मई, 2025 को दोनों परिवारों की सहमति से व्यवस्थित विवाह किया। शुरू में, दंपति ने कश्मीर में हनीमून की योजना बनाई थी, लेकिन आतंकी हमलों की खबरों के कारण सोनम ने मेघालय का सुझाव दिया। वे 20 मई, 2025 को शिलांग के लिए रवाना हुए।

हनीमून की योजना: सोनम ने यात्रा की सारी व्यवस्था की, जिसमें टिकट और ठहरने की बुकिंग शामिल थी, लेकिन वापसी के टिकट नहीं बुक किए, जो बाद में संदेह का कारण बना। राजा की मां, उमा रघुवंशी ने बताया कि राजा शादी के तुरंत बाद हनीमून पर जाने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन सोनम ने जोर दिया। राजा ने सोनम के कहने पर 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य के कीमती गहने, जैसे हीरे की अंगूठी, चेन और ब्रेसलेट साथ ले गए थे।

 अपराध

लापता होना: 22 मई, 2025 को राजा और सोनम पूर्वी खासी हिल्स के मावलाखियात गांव पहुंचे और नोंग्रीआट की 3,000 सीढ़ियों वाली ट्रेकिंग की, जो अपने जीवित जड़ों के पुलों के लिए प्रसिद्ध है। वे बालाजी होमस्टे में ठहरे और 23 मई को वहां से चेकआउट किया। उसी दिन वे सोहरा (चेरापूंजी) क्षेत्र में छुट्टियां मनाते समय लापता हो गए। उनका किराए का स्कूटर 24 मई को सोहरारिम में एक रोडसाइड कैफे के पास परित्यक्त पाया गया, जिसमें चाबियां अभी भी थीं।

राजा का शव मिलना: 2 जून, 2025 को पुलिस के ड्रोन ने पूर्वी खासी हिल्स में वेइसावडोंग फॉल्स के पास 200 फीट गहरी खाई में राजा का सड़ा हुआ शव देखा। प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम में उनके सिर पर दो तेज धार वाले घाव मिले, एक सामने और एक पीछे, जो एक माचेट (दाव) से किए गए थे। हत्या का हथियार अपराध स्थल के पास बरामद हुआ, जो उस क्षेत्र का नहीं था, जिससे संदेह हुआ कि इसे हत्यारों ने साथ लाया था।


 जांच और गिरफ्तारियां

मामले में प्रगति: मेघालय पुलिस ने "ऑपरेशन हनीमून" शुरू किया, जिसका नेतृत्व एसपी हर्बर्ट प्यननियद खारकोंगोर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने किया, जिसमें 120 कर्मी शामिल थे, जिनमें 20 मुख्य सदस्य थे। एक स्थानीय गाइड, अल्बर्ट पीड़े ने महत्वपूर्ण सुराग दिया कि 23 मई को उन्होंने राजा और सोनम को तीन हिंदी भाषी लोगों के साथ नोंग्रीआट से मावलाखियात की ओर जाते देखा। इससे शव मिलने के सात दिनों के भीतर बड़ा खुलासा हुआ।

गिरफ्तारियां: कुल पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं:

  1. सोनम रघुवंशी: 8 जून, 2025 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में नंदगंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया, जब वे वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर एक ढाबे पर "अस्वस्थ" अवस्था में मिलीं। उन्हें हिरासत में लिया गया और वे मुख्य संदिग्ध हैं।

  2. राज कुशवाहा: सोनम के भाई गौरव रघुवंशी के स्वामित्व वाली प्लाईवुड निर्माण इकाई में 21 वर्षीय कर्मचारी और सोनम का कथित प्रेमी। उसे इंदौर में गिरफ्तार किया गया और हत्या की साजिश का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

  3. विशाल सिंह चौहान (उर्फ विक्की): इंदौर में गिरफ्तार, कथित किराए के हत्यारों में से एक।

  4. आकाश राजपूत: उत्तर प्रदेश के ललितपुर में गिरफ्तार, दूसरा कथित किराया हत्यारा।

  5. आनंद कुर्मी: मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना में गिरफ्तार, तीसरा कथित किराया हत्यारा।

अन्य संदिग्ध: पुलिस अभी भी चौथे हमलावर की तलाश कर रही है, और मध्य प्रदेश में ऑपरेशन जारी हैं।

 सोनम ने कथित तौर पर राज कुशवाहा के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची, जिसके साथ उनका प्रेम संबंध था। उन्होंने राजा को मारने के लिए किराए के हत्यारों को 20 लाख रुपये की पेशकश की, शुरू में 4 लाख रुपये देने का वादा किया। यह योजना शादी के तुरंत बाद शुरू हुई, जिसमें 15 मई, 2025 से चर्चा शुरू हुई, जब सोनम अपने मायके इंदौर लौटीं।

 सूत्रों के अनुसार, सोनम राजा की शारीरिक अंतरंगता से नाखुश थीं और शादी से पहले ही उनसे दूरी बना चुकी थीं। उन्होंने राज कुशवाहा को मैसेज किया, जिसमें राजा की हरकतों पर असहजता जताई और हत्या की योजना पर चर्चा की। सोनम ने कथित तौर पर अगर किराए के हत्यारे असफल रहे, तो खुद राजा को पहाड़ से धक्का देने की योजना बनाई थी, और इसके लिए वेइसावडोंग फॉल्स जैसे सुनसान क्षेत्र को चुना, ताकि इसे लूटपाट का मामला दिखाया जा सके।

 तीन किराए के लोग—विशाल, आकाश और आनंद—बिहार से गुवाहाटी तक ट्रेन से और फिर 22 मई को शिलांग पहुंचे, दंपति का पीछा करते हुए। उन्होंने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के पास हत्या का हथियार, एक दाव (माचेट), खरीदा। 23 मई को, सोनम ने राजा को वेइसावडोंग फॉल्स के पास एक सुनसान जगह पर ले गई, जहां हत्यारों ने उनकी मौजूदगी में उनके सिर पर दो बार वार किया। हत्या के बाद, सोनम ने राजा के फोन से दोपहर 2:15 बजे "सात जन्मों का साथ है" पोस्ट किया, ताकि जांचकर्ताओं को गुमराह किया जा सके कि वह जीवित है।


मुख्य साक्ष्य:

माचेट: गैर-स्थानीय माचेट ने संदेह पैदा किया, जिसके बाद पुलिस ने दंपति के कॉल रिकॉर्ड की जांच की।

  कॉल रिकॉर्ड: सोनम के राज कुशवाहा और एक किराए के हत्यारे के साथ हनीमून से पहले और दौरान लगातार संवाद का पता चला।

  सीसीटीवी फुटेज: बालाजी होमस्टे की फुटेज में राजा और सोनम को चेकआउट करते देखा गया, और अतिरिक्त फुटेज में सोनम को अपराध स्थल से 10 किमी दूर आरोपियों के साथ देखा गया।

  खून से सने कपड़े: सोनम का खून से सना रेनकोट और आकाश राजपूत का जैकेट अपराध स्थल के पास मिला, जिसमें रेनकोट मावकमा गांव में 6 किमी दूर पाया गया।

सोनम की गलतियां: राजा की मृत्यु के बाद उनके फोन से पोस्ट करना और हनीमून की कोई तस्वीर न डालना संदेहास्पद था। उनके कॉल रिकॉर्ड और खून से सना रेनकोट ने उन्हें और अधिक फंसाया।

भागने और आत्मसमर्पण

सोनम का भागना: 23 मई को हत्या के बाद, सोनम ने मावकादोक से शिलांग तक टैक्सी ली, फिर गुवाहाटी के लिए पर्यटक टैक्सी और सिलीगुड़ी के रास्ते इंदौर के लिए ट्रेन पकड़ी, और 25 मई को पहुंची। वह इंदौर में राज कुशवाहा से मिली, एक दिन किराए के मकान में रही, और बाद में गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में छोड़ दी गई।

- **आत्मसमर्पण**: 8 जून, 2025 को सोनम ने गाजीपुर के नंदगंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया, जब वे वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर एक ढाबे पर अस्वस्थ अवस्था में मिलीं। उन्होंने अपने भाई को अपनी लोकेशन बताई थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।

 परिवार की प्रतिक्रियाएं

राजा का परिवार:

  - राजा की मां, उमा रघुवंशी ने हैरानी जताई, कहा कि सोनम का व्यवहार यात्रा से पहले सामान्य था, और उन्हें कोई शक नहीं था। उन्होंने न्याय की मांग की, कहा, "अगर सोनम शामिल है, तो उसे फांसी दी जानी चाहिए।"

  - राजा के भाई, विपुल रघुवंशी ने बताया कि सोनम राज कुशवाहा की काम की शिकायतें करती थीं, जिससे उनके रिश्ते का पता नहीं चला। परिवार ने मेघालय पुलिस की शुरुआती कार्रवाई से असंतुष्ट होकर सीबीआई जांच की मांग की।

सोनम का परिवार:

  -सोनम के पिता, देवी सिंह ने आरोपों से इनकार किया, दावा किया कि उनकी बेटी निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया। उन्होंने मेघालय पुलिस पर केस गढ़ने का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की।

   सोनम के भाई, गौरव रघुवंशी, दंपति की तलाश में मेघालय में थे और उन्होंने अपने व्यवसाय का जिम्मा राज कुशवाहा को सौंपा था, जिनके शामिल होने की जानकारी नहीं थी।

राज कुशवाहा का परिवार: राज की मां और बहन ने दावा किया कि वह निर्दोष है, और हत्या के समय वह इंदौर में था। उन्होंने उसके गौरव की फर्म में एकाउंटेंट के रूप में काम करने और दयालु स्वभाव की बात कही।

 वर्तमान स्थिति

कानूनी कार्यवाही: सोनम और चार गिरफ्तार लोग (राज कुशवाहा, विशाल चौहान, आकाश राजपूत, और आनंद कुर्मी) को 11 जून, 2025 तक शिलांग लाया गया, और 12 जून, 2025 को स्थानीय अदालत में सात दिन की ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जाएगा। एसआईटी अपराध स्थल को फिर से बनाने की योजना बना रही है।

पुलिस के प्रयास: मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की, और सोनम के खिलाफ "ठोस सबूत" होने की बात कही। जांच में अतिरिक्त संदिग्धों और मकसद का पता लगाया जा रहा है।

सार्वजनिक और आधिकारिक प्रतिक्रिया: इस मामले ने देश को हिलाकर रख दिया और मेघालय के पर्यटन की सुरक्षा पर सवाल उठाए। पर्यटन मंत्री पॉल लिंगदोह ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया, और राज्य पुलिस पर भरोसा जताया।


वित्तीय पहलू: सोनम ने कथित तौर पर हनीमून खर्च के लिए राजा से 9 लाख रुपये लिए, और किराए के हत्यारों को 50,000 रुपये अग्रिम दिए गए, जिसमें कुल 20 लाख रुपये का वादा था।

छल: सोनम ने गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर के दर्शन का सुझाव देकर राजा के साथ अंतरंगता में देरी की, ताकि हत्यारों के साथ समन्वय के लिए समय मिल सके। वह कुछ समय तक विधवा के रूप में रहने और बाद में राज कुशवाहा से शादी करने की योजना बना रही थी।

जांच की चुनौतियां: मेघालय में भारी बारिश और दुर्गम इलाकों ने तलाश को जटिल बनाया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड, और रेनकोट व माचेट जैसे भौतिक साक्ष्यों ने मामले को सुलझाने में मदद की।

राजा रघुवंशी हत्याकांड एक सोची-समझी साजिश को उजागर करता है, जो सोनम के राज कुशवाहा के साथ कथित प्रेम संबंध और अपने पति को खत्म करने की इच्छा से प्रेरित थी। मेघालय पुलिस की तेज जांच, महत्वपूर्ण सुरागों और गिरफ्तारियों ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, हालांकि पूर्ण मकसद और अतिरिक्त सह-आरोपियों के बारे में सवाल बने हुए हैं। शिलांग में मुकदमे के साथ मामला सामने आ रहा है।


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